दो शब्द...
एक बंधती आस....एक छ्टांग उम्मीद....एक पोटला आशा...
दो शब्द...बोझिल मन को पिघलाती दवाई...
दो शब्द...
गुस्से के पत्थर से तोड़ते विश्वास....ढेर सारी नफरत...
दो शब्द...मन को जकड़ता जाल...
एक चुप्पी...
शक और यकीन के बीच डोलती एक हिस्सा कोशिश...बहुतेरी अचकचाहट...
एक चुप्पी...मन को परखती नज़र...
एक चुप्पी...
एक शांत निःश्वास...गहरा पैठा विश्वास...
एक चुप्पी...मन से निरंतर प्रस्फुटित प्यार...