बम्बई ! कितना पसीना बहाता है बारिश के इंतज़ार में
फिर गुनगुने पानी की फुहार में भीगता है
कारों से, चॉलो से, बंगलों से, फ्लैटों से, तंग गलियों से
फिर बाहर निकलता है
शहर एक मत, मरीन ड्राइव तक पहुँचता है
गिरते पानी को गले लगाने!
बम्बई ! भीगे कपड़ों में छूने जाता है गेट-वे को
फिर आसपास कॉब्लड गलियों में टहलता है
शहतूत का रस पीता है
लियोपोल्ड और जनता में बियर गटकता है
भीगा बम्बई ढूंढ़ता है जुहू चौपाटी को
एक चना जोर गरम में भुख मिटा लेता है
क्योंकि घर दूर है
और तफरी की प्यास बुझी नहीं अभी!
और तफरी की प्यास बुझी नहीं अभी!
रात गिरती जाती है, बम्बई जागता जाता है
आज पहली बारिश हुई है
बम्बई आज रोज से ज्यादा बेपरवाह है!
10 टिप्पणियां:
Woow
Superb!!!!
Mujhe nahee pata tha ki mera dost mein ek kavi bhi hai
Accha ehsaas hai
Nice lines
बारिश के लिए तरसता है मुम्बई / तरसता है एक शहर
मुझे भी पहली बार पता चला कि आप ये हुनर भी रखते हैं । शुभकामनाएं।
Shandaar 👌👌👌👌
वाह
🙌👏
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