परचून की दुकान !
12 नवंबर 2009
नौटंकी
जिसने अपने पत्ते खोल दिए,
वो पतित !
जो बैठे है,
सन्नाटे कि ओड लिए
उनमे तमगे बांटे जाएगे !
2 टिप्पणियां:
बेनामी ने कहा…
my favourite !
prashant
दिसंबर 14, 2009
Naimitya Sharma
ने कहा…
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दिसंबर 15, 2009
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2 टिप्पणियां:
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prashant
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