नाम या उपनाम सुनने पर जहाँ भौंहें न सिकुड़े,
एक इंसान से मिलने की ख़ुशी में बस चेहरा मुसकाय.
मौके जहाँ इतने हो कि हज़ारो धीरुभाई निकले,
बेरोकटोक और स्वेच्छा से, हर एक मनचाही दिशा में जाये.
क्रांति और आज़ादी के नारे लगाने वालो को जरूरी न लगे इंकलाब,
इच्छाएं जरूरतें सबकी, जनता की सरकार पूरी कर जाये.
भारत / इंडिया / हिंदोस्तां, जिस भी नाम से पुकारे,
इस जहाँ के लोग, बस प्यार और समता याद कर पाए.
चमन में अपने इतने फूल खिलें,
कि खुशबू उनकी पड़ोसियों का भी घर महका आये.
मेरे मालिक ! ये कल्पना मेरी रामराज्य की,
समंदर की हवाओं के साथ, सारे उपमहाद्वीप में फ़ैल जाए.
4 टिप्पणियां:
Nice Imagination!!
@ Pankti : Thanks ! :)
Aapkee tamanna eeshwar pooree kare!
I think it is not an imagination it is a expectation &
its a very good expectation
kash hum sab hindustani aisa hi sochte
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