परचून की दुकान !
27 अक्तूबर 2009
नया सामान
तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे साये की बारी है
उस घर में रहने, नया इंसान आया है।
बची कुची यादो पर रंग पुतने की तैयारी है
उस घर में सजने, नया सामान आया है ।
1 टिप्पणी:
Shivdev Singh
ने कहा…
bahut badiya... !
अक्तूबर 28, 2009
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1 टिप्पणी:
bahut badiya... !
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